श्री बालाजी के दरबार में अर्जी स्वीकार होने एवं पूज्य गुरूदेव का मार्गदर्शन पर्चे पर अंकित होने के बाद इसी पर्चे को लेकर भक्त को 21 मंगलवार अथवा शनिवार को श्री बागेश्वर बालाजी के दर्शन करने होते हैं। भक्त अपनी समस्या को लेकर पर्चे के साथ मंगलवार और शनिवार की प्रातः आरती में सम्मिलित होकर बालाजी से कष्टों के निदान के लिए सतत् प्रार्थना करते हैं। इस प्रक्रिया को पेशी कहा जाता है। अर्जी लगने के बाद से 21 पेशी होने तक भक्त को लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा का सेवन वर्जित रहता हैं। संयमित जीवन और नियमित प्रार्थना से 21 पेशी करते हुए उनकी समस्याओं का निदान हो जाता है। पेशी के समय यदि धाम पर पूज्य गुरूदेव उपस्थित हैं तो भक्त को अपने मार्गदर्शन पर्चे के साथ पूज्य गुरूदेव से भेंट का अवसर भी प्राप्त होता है। जहां वे पर्चे पर पेशी का नंबर अंकित करते हैं।