मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम तक पहुंचने के लिए सड़क, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग से आवागमन की समुचित सुविधा उपलब्ध है। बागेश्वर धाम के समीप ही विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो स्थित है। यहां प्रतिदिन दिल्ली से खजुराहो के लिए फ्लाईट सेवा उपलब्ध रहती है। इसी तरह बागेश्वर धाम से लगभग 20 किमी दूर खजुराहो एवं लगभग 35 किमी दूर छतरपुर जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन मौजूद है। इन दोनों स्टेशनों पर देश के अनेक प्रमुख केन्द्रों से रेलों के आवागमन की सुविधा है। श्री बागेश्वर धाम झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। आप इस मार्ग से भी बागेश्वर धाम तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

श्री बागेश्वर धाम पर विराजे श्री बालाजी सरकार एवं पूज्य सन्यासी बाबा की कृपा से जीवन के दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों का निवारण होता है। पूज्य गुरूदेव इस यात्रा में एक माध्यम बनते हैं। उनका मार्गदर्शन लोगों को संकट में निदान के लिए बहुउपयोगी सिद्ध होता है। वर्षों से श्री बागेश्वर धाम का यह दिव्य स्थल लाखों लोगों के मनोरथ को पूर्ण कर रहा है। अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए श्रद्धालुओं को इसी दिव्य स्थल पर अपने मनोरथ की अर्जी लगानी होती है। इसके लिए श्रद्धालु घर बैठे अथवा धाम पर आकर अपनी अर्जी का नारियल बांधते हैं। यदि शारीरिक कष्ट है तो लाल कपड़े में, मांगलिक कार्यक्रमों में रूकावट है तो पीले कपड़े में और यदि नकारात्मक शक्तियों के कारण जीवन में संकट अथवा शारीरिक समस्या है तो काले कपड़े में नारियल को लपेटकर श्री बागेश्वर धाम पर मंदिर परिक्षेत्र में बांध दिया जाता है। नारियल बांधते समय भक्त भगवान बालाजी के समक्ष अपने कष्ट को उन्हें बताते हैं और उसके निवारण की प्रार्थना करते हैं। इसी प्रक्रिया को अर्जी लगाना कहा जाता है। जिन भक्तों की अर्जी स्वीकार हो जाती है। पूज्य गुरूदेव उन भक्तों को अपने दिव्य दरबारों में नाम लेकर बुलाते हैं और फिर उन्हें कष्टों के निवारण हेतु मार्गदर्शन देते हुए बालाजी से प्रार्थना करते हैं। अर्जी स्वीकार होने और मार्गदर्शन मिलने के उपरांत भक्त की समस्यारूपी केस फाइल बालाजी की अदालत रूपी दयोड़ी पर पहुंच जाती है और फिर पूज्य सन्यासी बाबा स्वयं भक्त की ओर से बालाजी की अदालत में कष्ट के निदान के लिए प्रार्थना करते हैं। पूज्य सन्यासी बाबा की सकारात्मक चेतनाएं सेना के रूप में भक्त की समस्याओं का हरण करने लगती हैं।

श्री बालाजी के दरबार में अर्जी स्वीकार होने एवं पूज्य गुरूदेव का मार्गदर्शन पर्चे पर अंकित होने के बाद इसी पर्चे को लेकर भक्त को 21 मंगलवार अथवा शनिवार को श्री बागेश्वर बालाजी के दर्शन करने होते हैं। भक्त अपनी समस्या को लेकर पर्चे के साथ मंगलवार और शनिवार की प्रातः आरती में सम्मिलित होकर बालाजी से कष्टों के निदान के लिए सतत् प्रार्थना करते हैं। इस प्रक्रिया को पेशी कहा जाता है। अर्जी लगने के बाद से 21 पेशी होने तक भक्त को लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा का सेवन वर्जित रहता हैं। संयमित जीवन और नियमित प्रार्थना से 21 पेशी करते हुए उनकी समस्याओं का निदान हो जाता है। पेशी के समय यदि धाम पर पूज्य गुरूदेव उपस्थित हैं तो भक्त को अपने मार्गदर्शन पर्चे के साथ पूज्य गुरूदेव से भेंट का अवसर भी प्राप्त होता है। जहां वे पर्चे पर पेशी का नंबर अंकित करते हैं।

भक्त अपने कष्टों के निवारण के लिए पूज्य गुरूदेव के दिव्य दरबार में शामिल होते हैं। इसके लिए भक्तों को पूर्व में श्री बागेश्वर धाम पर जाकर अर्जी का नारियल बांधना होता है अथवा घर के ही मंदिर में नारियल रखकर मन ही मन श्री बालाजी का ध्यान कर अर्जी लगाई जाती है। पूज्य गुरूदेव जब धाम पर होते हैं तब प्रतिदिन यहां दिव्य दरबार का आयोजन होता है जिसमें सैकड़ों, हजारों लोग राम नाम संकीर्तन करते हुए बैठते हैं और इन्हीं में से जिन भक्तों की अर्जी स्वीकार होती है उनका मार्गदर्शन पर्चा बनाने के लिए पूज्य गुरुदेव आकस्मिक ही उन्हें दरबार में बुला लेते हैं। यही प्रक्रिया देश भर में कथा आयोजनों के अंतर्गत भी होती है। पूज्य गुरूदेव जहां कथा करते हैं वहां एक दिन के लिए दिव्य दरबार का आयोजन भी होता है। इस दिव्य दरबार में शामिल होकर लोग अपना मार्गदर्शन पर्चा बनवा सकते हैं।

पूज्य गुरूदेव की कृपा को प्राप्त करने के लिए जीवन भर उनका मार्गदर्शन पाने हेतु एवं श्री बागेश्वर धाम शिष्य मण्डल का हिस्सा बनने के लिए भक्त पूज्य गुरूदेव की मंत्र दीक्षा प्राप्त करते हैं। पूज्य गुरूदेव की शरणागति अथवा मंत्र दीक्षा ग्रहण करने के लिए समय-समय पर दीक्षा समारोह आयोजित किए जाते हैं। कथा आयोजन के दौरान देश भर में पूज्य गुरूदेव निष्ठावान शिष्यों को मंत्र दीक्षा प्रदान करते हैं। इसी तरह धाम पर भी पूर्व सूचना के आधार पर दीक्षा समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसकी जानकारी समय-समय पर विभिन्न संचार साधनों अथवा वेबसाईट के जरिये भक्तों को उपलब्ध कराई जाती है।

पूज्य गुरूदेव नियमित रूप से अपने भक्तों के लिए उपलब्ध रहते हैं। देश में जहां भी उनकी कथा होती है वहां एक दिवसीय दर्शन एवं भभूति कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। वेदमंत्रों से अभिमंत्रित यज्ञ की भभूति को पूज्य गुरूदेव अपने हाथों से भक्तों को प्रदान करते हैं। यह भभूति कष्टों के निवारण में सहायक होती है। यदि पूज्य गुरूदेव धाम पर हैं तो प्रतिदिन धाम पर भी दर्शन एवं भभूति का वितरण नियमित रूप से चलता है।

यदि आप चाहते हैं कि आप भी श्री बागेश्वर धाम परिवार का हिस्सा बनकर सनातन धर्म एवं मानवता की सेवा के इस महा अभियान में सहभागिता करना चाहते हैं तो आप वेबसाईट पर अपना नाम, पता एवं मोबाइल नंबर देकर पंजीयन करा सकते हैं अथवा श्री बागेश्वर धाम पर कार्यालय में संपर्क कर बागेश्वर धाम परिवार का हिस्सा बन सकते हैं।