पूज्य गुरूदेव ने श्री बालाजी सरकार की कृपा पाकर पूज्य सन्यासी बाबा एवं पूज्य दादा गुरू की प्रेरणा से सनातन के प्रचार के साथ-साथ समाज के उद्धार एवं परोपकारी कार्यों का राष्ट्रव्यापी अभियान प्रारंभ किया है। उनके इस राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत अनेक सेवा के संकल्प प्रारंभ किए गए हैं। श्री बागेश्वर धाम जनसेवा समिति के इन संकल्पों से समाज और राष्ट्र लाभ ले रहा है। आईए जानते हैं बागेश्वर धाम जन सेवा समिति के वर्तमान एवं आगामी संकल्पों के बारे में
पूज्य गुरुदेव ने श्री बागेश्वर धाम पर आने वाले भक्तों की प्रसादी के लिए 5 वर्ष पहले अपने पूज्य पिता श्री रामकृपाल गर्ग जी की प्रेरणा से मां अन्नपूर्णा रसोई का संचालन प्रारंभ किया था। बागेश्वर धाम पर संचालित होने वाली इस अन्नपूर्णा रसोई से प्रतिदिन सुबह एवं शाम दोनों समय धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी प्रदान की जाती है। पिछले पांच वर्षों से प्रतिदिन यहां हजारों लोग निःशुल्क भण्डारा पा रहे हैं। सप्ताह में मंगलवार एवं शनिवार को एक साथ लाखों श्रद्धालु यहां प्रसाद पाते हैं जबकि अन्य दिनों में यह संख्या हजारों में होती है। पूज्य गुरुदेव कहते हैं कि अन्नदान से बड़ा कोई दान नहीं होता और भूखे को भोजन कराने से बड़ा कोई परोपकार नहीं होता। उनके इसी सूत्र वाक्य को सिरोधार्य करते हुए बागेश्वर धाम जन सेवा समिति यह अन्नपूर्णा रसोई नियमित रूप से संचालित कर रही है।
पूज्य गुरुदेव ने श्री बागेश्वर धाम पर आने वाले भक्तों की प्रसादी के लिए 5 वर्ष पहले अपने पूज्य पिता श्री रामकृपाल गर्ग जी की प्रेरणा से मां अन्नपूर्णा रसोई का संचालन प्रारंभ किया था। बागेश्वर धाम पर संचालित होने वाली इस अन्नपूर्णा रसोई से प्रतिदिन सुबह एवं शाम दोनों समय धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन प्रसादी प्रदान की जाती है। पिछले पांच वर्षों से प्रतिदिन यहां हजारों लोग निःशुल्क भण्डारा पा रहे हैं। सप्ताह में मंगलवार एवं शनिवार को एक साथ लाखों श्रद्धालु यहां प्रसाद पाते हैं जबकि अन्य दिनों में यह संख्या हजारों में होती है। पूज्य गुरुदेव कहते हैं कि अन्नदान से बड़ा कोई दान नहीं होता और भूखे को भोजन कराने से बड़ा कोई परोपकार नहीं होता। उनके इसी सूत्र वाक्य को सिरोधार्य करते हुए बागेश्वर धाम जन सेवा समिति यह अन्नपूर्णा रसोई नियमित रूप से संचालित कर रही है।
यह भारत का एक मात्र पहला ऐसा तीर्थ है जहां की दान पेटी में आये दान से हर वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर सभी वर्गों की असहाय, निर्धन बेटियों के विवाह कराये जा रहे हैं। विगत चार वर्षों से बागेश्वर धाम पर बेसहारा और असहाय परिवारों की निर्धन बेटियों के विवाह कराए जा रहे हैं। वर्ष 2020 से प्रारंभ हुआ यह अभियान चौथे वर्ष में 125 बेटियों के विवाह के साथ सम्पन्न हुआ। इस विवाह समारोह में पूज्य गुरूदेव ने सभी बेटियों को अपने आशीर्वाद के साथ संपूर्ण गृहस्थी की सामग्री भी प्रदान की। वर्ष 2024 में श्री बागेश्वर धाम पर 151 बेटियों के विवाह का लक्ष्य रखा गया है।
यह भारत का एक मात्र पहला ऐसा तीर्थ है जहां की दान पेटी में आये दान से हर वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर सभी वर्गों की असहाय, निर्धन बेटियों के विवाह कराये जा रहे हैं। विगत चार वर्षों से बागेश्वर धाम पर बेसहारा और असहाय परिवारों की निर्धन बेटियों के विवाह कराए जा रहे हैं। वर्ष 2020 से प्रारंभ हुआ यह अभियान चौथे वर्ष में 125 बेटियों के विवाह के साथ सम्पन्न हुआ। इस विवाह समारोह में पूज्य गुरूदेव ने सभी बेटियों को अपने आशीर्वाद के साथ संपूर्ण गृहस्थी की सामग्री भी प्रदान की। वर्ष 2024 में श्री बागेश्वर धाम पर 151 बेटियों के विवाह का लक्ष्य रखा गया है।
पूज्य गुरुदेव ने संपूर्ण देश एवं सनातनी परिवारों को गौसेवा के लिए प्रेरित करते हुए एक राष्ट्रव्यापी अभियान प्रारंभ किया है। श्री गुरुदेव कहते हैं कि गौशाला नहीं उपाय, एक हिन्दू एक गाय यानि हर हिन्दू को एक गाय की सेवा करनी चाहिए जिससे कि गौमाता समस्याओं से मुक्त हो सकें। इसी संकल्प को धारण करते हुए बागेश्वर धाम पर एक गौशाला का निर्माण किया गया है। यहां आंध्रप्रदेश की पुगनूर नस्ल की विलक्षण गायों के साथ- साथ बुन्देलखण्ड की देशी गायों का पालन पोषण किया जा रहा है। पूज्य गुरूदेव नियमित रूप से गौसेवा करते हैं एवं लोगों को भी इस गौसेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
पूज्य गुरुदेव ने संपूर्ण देश एवं सनातनी परिवारों को गौसेवा के लिए प्रेरित करते हुए एक राष्ट्रव्यापी अभियान प्रारंभ किया है। श्री गुरुदेव कहते हैं कि गौशाला नहीं उपाय, एक हिन्दू एक गाय यानि हर हिन्दू को एक गाय की सेवा करनी चाहिए जिससे कि गौमाता समस्याओं से मुक्त हो सकें। इसी संकल्प को धारण करते हुए बागेश्वर धाम पर एक गौशाला का निर्माण किया गया है। यहां आंध्रप्रदेश की पुगनूर नस्ल की विलक्षण गायों के साथ- साथ बुन्देलखण्ड की देशी गायों का पालन पोषण किया जा रहा है। पूज्य गुरूदेव नियमित रूप से गौसेवा करते हैं एवं लोगों को भी इस गौसेवा के लिए प्रेरित करते हैं।
पूज्य गुरूदेव ने वर्ष 2021 में 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर मां प्रकृति की सेवा के लिए एक अनूठा अभियान प्रारंभ किया। इस अभियान के माध्यम से उनके मार्गदर्शन में बागेश्वर धाम शिष्य मण्डल एवं सनातनी परिवारों के द्वारा 11 लाख पौधों के रोपण का कार्य किया जा रहा है। प्रतिवर्ष बरसात के उपरांत जगह-जगह पौधे रोपित किए जाते हैं एवं इन पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया जाता है। पूज्य गुरूदेव के निर्देश पर देश भर में अनेक स्थानों पर सनातनी परिवारों ने पौधे रोपित करते हुए श्री बागेश्वर बगिया का निर्माण प्रारंभ कर दिया है। इस अभियान के माध्यम से बागेश्वर धाम जन सेवा समिति पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पूज्य गुरूदेव ने वर्ष 2021 में 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर मां प्रकृति की सेवा के लिए एक अनूठा अभियान प्रारंभ किया। इस अभियान के माध्यम से उनके मार्गदर्शन में बागेश्वर धाम शिष्य मण्डल एवं सनातनी परिवारों के द्वारा 11 लाख पौधों के रोपण का कार्य किया जा रहा है। प्रतिवर्ष बरसात के उपरांत जगह-जगह पौधे रोपित किए जाते हैं एवं इन पौधों के संरक्षण का संकल्प लिया जाता है। पूज्य गुरूदेव के निर्देश पर देश भर में अनेक स्थानों पर सनातनी परिवारों ने पौधे रोपित करते हुए श्री बागेश्वर बगिया का निर्माण प्रारंभ कर दिया है। इस अभियान के माध्यम से बागेश्वर धाम जन सेवा समिति पर्यावरण के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
पूज्य गुरूदेव ने जाति पंथों में बटे हिन्दू समाज को एकजुट करने एवं भारतीय वैदिक संस्कारों की पुर्नस्थापना के लिए सनातनी हिन्दू राष्ट्र निर्माण की संकल्पना की है। उनका उद्देश्य है कि जातियों में विभाजित हिन्दू समाज अपने संस्कारों से विमुक्त हो रहा है इसलिए ऐसे समाज को हिन्दू सनातनी भाव से जोड़ते हुए हिन्दू संस्कारों, रीतिरिवाजों, कर्मकाण्डों, शास्त्रों की रक्षा की जाए। उन्होंने पूज्य बालाजी से प्रार्थना की है कि भारत हिन्दू राष्ट्र बने और इसके लिए वे समाज को अपनी कथाओं के माध्यम से जागृत कर रहे हैं। आज देश भर में पूज्य गुरूदेव की प्रेरणा के कारण हिन्दू राष्ट्र निर्माण की आवाज बुलंद हो रही है।
पूज्य गुरूदेव ने जाति पंथों में बटे हिन्दू समाज को एकजुट करने एवं भारतीय वैदिक संस्कारों की पुर्नस्थापना के लिए सनातनी हिन्दू राष्ट्र निर्माण की संकल्पना की है। उनका उद्देश्य है कि जातियों में विभाजित हिन्दू समाज अपने संस्कारों से विमुक्त हो रहा है इसलिए ऐसे समाज को हिन्दू सनातनी भाव से जोड़ते हुए हिन्दू संस्कारों, रीतिरिवाजों, कर्मकाण्डों, शास्त्रों की रक्षा की जाए। उन्होंने पूज्य बालाजी से प्रार्थना की है कि भारत हिन्दू राष्ट्र बने और इसके लिए वे समाज को अपनी कथाओं के माध्यम से जागृत कर रहे हैं। आज देश भर में पूज्य गुरूदेव की प्रेरणा के कारण हिन्दू राष्ट्र निर्माण की आवाज बुलंद हो रही है।
पूज्य गुरूदेव कहते हैं कि शारीरिक कष्ट के निवारण के लिए दवा और दुआ दोनों की आवश्यकता होती है। इसी उद्देश्य को आत्मसात करते हुए उन्होंने सर्वप्रथम श्री बागेश्वर धाम पर मंत्र चिकित्सा के माध्यम से लोगों की सेवा की। तदोपरांत शासकीय सहयोग से श्री बागेश्वर धाम पर एक आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना कराई और अब उन्होंने बागेश्वर धाम जन सेवा समिति के माध्यम से छतरपुर जिले में एक सेवाभावी कैंसर अस्पताल खोलने का संकल्प लिया है। उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक छतरपुर जिले में एक भव्य कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जाए जहां सेवा को उद्देश्य मानते हुए बेसहारा, गरीब, वंचित और जरूरतमंद मरीजों का निःशुल्क कैंसर उपचार किया जाए।
पूज्य गुरूदेव कहते हैं कि शारीरिक कष्ट के निवारण के लिए दवा और दुआ दोनों की आवश्यकता होती है। इसी उद्देश्य को आत्मसात करते हुए उन्होंने सर्वप्रथम श्री बागेश्वर धाम पर मंत्र चिकित्सा के माध्यम से लोगों की सेवा की। तदोपरांत शासकीय सहयोग से श्री बागेश्वर धाम पर एक आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थापना कराई और अब उन्होंने बागेश्वर धाम जन सेवा समिति के माध्यम से छतरपुर जिले में एक सेवाभावी कैंसर अस्पताल खोलने का संकल्प लिया है। उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2029 तक छतरपुर जिले में एक भव्य कैंसर अस्पताल का निर्माण किया जाए जहां सेवा को उद्देश्य मानते हुए बेसहारा, गरीब, वंचित और जरूरतमंद मरीजों का निःशुल्क कैंसर उपचार किया जाए।
पूज्य गुरूदेव ने सनातन संस्कृति की रक्षा, शास्त्रों के पठन-पाठन, कर्मकाण्डों के समुचित विधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से युवा पीढ़ी तक वैदिक शिक्षा पहुंचाने का संकल्प लिया है। उनके इस संकल्प के आधार पर बागेश्वर धाम जन सेवा समिति शीघ्र ही श्री बागेश्वर धाम पर गुरूकुल निर्माण प्रारंभ करने जा रही है। यहां शास्त्रों के पठन-पाठन के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का समावेश करते हुए एक सुदृढ़ युवा पीढ़ी का निर्माण किया जाएगा जो भारत को सही अर्थों में विश्व गुरु बनाने में सहयोगी सिद्ध होगी। इस गुरूकुल निर्माण के लिए भी पूज्य गुरूदेव ने सभी सनातनियों से सेवा और दान का आहवान किया है।
पूज्य गुरूदेव ने सनातन संस्कृति की रक्षा, शास्त्रों के पठन-पाठन, कर्मकाण्डों के समुचित विधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से युवा पीढ़ी तक वैदिक शिक्षा पहुंचाने का संकल्प लिया है। उनके इस संकल्प के आधार पर बागेश्वर धाम जन सेवा समिति शीघ्र ही श्री बागेश्वर धाम पर गुरूकुल निर्माण प्रारंभ करने जा रही है। यहां शास्त्रों के पठन-पाठन के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का समावेश करते हुए एक सुदृढ़ युवा पीढ़ी का निर्माण किया जाएगा जो भारत को सही अर्थों में विश्व गुरु बनाने में सहयोगी सिद्ध होगी। इस गुरूकुल निर्माण के लिए भी पूज्य गुरूदेव ने सभी सनातनियों से सेवा और दान का आहवान किया है।